15. खुखुन्ये(नागा लोककथा) ✍ संग्रह एवं हिन्दी अनुवाद: ख्रुत्सुलू दोज़ो

बहुत पहले की बात है, एक गाँव में एक लड़का रहता था। उसके सभी दोस्तों की शादी हो गयी थी। उसकी शादी नहीं हुई थी, इसलिए वह शर्म के कारण दोस्तों के साथ घूमने नहीं जाता था। उसने सामूहिक कार्यक्रमों में भी जाना छोड़ दिया था। यहाँ तक कि सामूहिक द्ज़ुखु  से भी उसने पानी भरना छोड़ दिया। गाँव के लोग उसका मज़ाक उड़ाते थे, इसलिए उसने अपना अलग से द्ज़ुखु खोदा और वह वहाँ से पानी भरने लगा। इसी तरह दिन बीत रहे थे। एक दिन प्रातःकाल जब वह द्ज़ुखु से पानी भरने के लिए गया तो देखा कि पानी मटमैला हो गया था अर्थात कोई उसके पानी मैला कर रहा था। अगले दिन भी यही हुआ।

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