4. ताङखुल जनजाति का समाज एवं संस्कृति ✍ रिनचुई होराम

पूर्वोत्तर भारत विविध जनजातियों की मिलनभूमि है। इस क्षेत्र के आठों प्रदेशों में कई जनजातियाँ बसती हैं। इनमें से ताङखुल भी एक है। ताङखुल जनजाति की कई उपजातियाँ हैं। प्राचीन काल में इस जनजाति का कोई निश्चित निवासस्थल नहीं था। पर अब यह स्थायी रूप से बस गयी है। प्रस्तुत आलेख में इस जाति के समाज तथा संस्कृति पर सरसरी नजर डाली गयी है।

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